Sunday, January 24, 2021

डा. वरिंदर कौर और डा. प्रोफेसर हरविंदर सिंह इलैक्ट्रोहोमियोपैथिक पद्धति से उपचार के मंत्र देकर बहा रहे हैं ज्ञान की गंगा

 

  • डा. वरिंदर कौर और  डा. प्रोफेसर हरविंदर सिंह ने पेश की देश में अनूठी मिसाल, ईएच के जन्मदाता काउंट सीजर मैटी के नक्शे कदम पर चलने की कवायद  

बठिंडा. पिछले कई साल से बठिंडा के चंदसर नगर में ये डाक्टर दंपत्ति चिकित्सा जगत की पांचवी पैथी इलेक्ट्रो होम्योपैथी(ई.एच) के प्रसार-प्रचार के लिए निशुल्क शिक्षा दे रहें हैं। यहां पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी की बारकियां सीखने वालों की तादात बहुयात है। हर शनिवार को तीन-चार घंटे की लगने वाली कलास में शहर के गली-मुहल्लों में प्रेक्टिस कर रहे नामचीन डाक्टर भी दिखाई पड़ते हैं। 

इलेक्ट्रो होम्योपैथी की डिग्री व डिप्लोमा धारक यहां से ज्ञान लेने आते हैं। बाकायदा इन बी.ई.एम.एस, डी.ई.एच.एम क्वालीफाईड को प्रेक्टिकल और विभिन्न पेशेंटों की केस हिस्ट्री के माध्यम से रोगों के निदान के लिए समझाया जाता है। यही नहीं लैबोटरी में प्लांट से दवाई बनाने की प्रणाली को भी लाईव दिखाया जाता है। ईएच के जन्मदाता काउंट सीजर मैटी के नक्शे कदम पर चलने की कवायद में जुटे सी.सी मैटी इंस्टीच्ट्यूट आफ इलेक्ट्रो होमेयोपैथी, चंदसर नगर में ये डाक्टर दंपत्ति है, डा. वरिंदर कौर और उनके पति डा. प्रोफेसर हरविंदर सिंह। प्रो. हरविंदर कहते हैं कि देश में साल 1920 के आसपास इलेक्ट्रोहोम्योपैथी की संभवतय: पहली क्लीनिक खुली थी। आज 100 साल हो गए लेकिन उक्त पैथी अपनी मान्यता को लेकर संर्घष कर रही है। वह कहते हैं कि इस बाबत केन्द्र सरकार की ओर से बनाई गई आईडीसी कमेटी से कई बैठकें हो गई है। अब 27 जनवरी को वह दिल्ली में इलेक्ट्रो होम्यौपेथी फाउंडेशन आफ इंडिया के प्रधान डाक्टर परमिंदर एस. पाण्डेय के बुलावे पर सेहत राज्य मंत्री से होने वाली बैठक में भाग लेने जा रहे हैं। यह बैठक विभिन्न ऐसोसिएशन और फैडरेशन सहित रिर्सच व फार्मा कंपनियों के प्रतिनिधियों की ओर से संयुक्त रूप से बुलाई गई है। उम्मीद है कि देश में काम कर रहे पांच लाख इलेक्ट्रो होम्योपैथी प्रेक्टिशियनर्स/डाक्टर्स की लंबे समय से चली आ रही मान्यता की मांग पर उक्त बैठक मील का पत्थर साबित होगी। उक्त ई.एच पैथी सस्ती है। इसका कोई साईड इफेक्ट भी नहीं।  

114 तरह के औषधीय पौधो के स्पाक्यरिक एसेंस से होता है इलाज: डा वरिंदर

सी.सी.एम इंस्टीच्ट्यूट आफ इलेक्ट्रो होमेयोपैथी की मेडिकल अफसर डाक्टर वरिंदर कौर कहती हैं कि  इस पैथी की खोज 1865 में इटली के डाक्टर काउंट सीजर मैटी की ओर से की गई थी। इसमें में 114 के पौधों स्पाक्यरिक एसेंस से मरीजों का इलाज किया जाता है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा विज्ञान वैकल्पिक प्रणाली की एक व्यापक शाखा है। इस चिकित्सा प्रणाली में मूल रूप से औषधीय पौधों क रस को आसवन प्रक्रिया की सहायता से तैयार किया जाताहै। वर्तमान में 114 प्रकार के पौधों के स्पाक्यरिक एसेंस से 38 प्रकार की मूल औषधियां तैयार की जा रही हैं। जिनका उपयोग एकल व सम्मलित रूप से 60 से अधिक औषधियों के रूप में किया जा रहा है।  




Tuesday, January 5, 2021

मैटी जयंती पर ज्वाइंट बॉडी इलेक्ट्रो होम्योपैथी प्रपोजलिस्ट कमेटी ऑफ़ इंडिया के साथ केन्द्र सरकार मीटिंग पर पांच लाख ईएच डॉक्टर्स की निगाहें





-11 जनवरी इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा के जनक डॉक्टर काउंट सीजर मैटी के 212 वें जनमदिवस पर विशेष* 

आज से 160 साल पहले इटली के डॉक्टर ने पौधों से ऐसी दवाइयां तैयार करने की पद्धति प्रचलित की जो दुनियाभर में इलेट्रो होम्योपेथी नाम से मशहूर हो गई। यह अपने वजूद के किए लड़ रही है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन के पंजाब प्रमुख डॉक्टर हरविंदर सिंह,  कहते हैं कि 11 जनवरी को केंद्र सरकार ने इस बाबत दिल्ली में मीटिंग बुलाई है, जिस पर देश भर में काम कर रहे तक़रीबन पांच लाख ईएच डॉक्टर्स में उम्मीद की किरण जगी है।  इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को एलोपैथी, आयुर्वेद, होमियोपैथी, यूनानी के बाद पांचवीं पद्धति के रूप में  मान्यता देने बाबत दिल्ली में ज्वाइंट बॉडी इलेक्ट्रो होम्योपैथी प्रपोजलिस्ट कमेटी ऑफ़ इंडिया के साथ  मीटिंग पर सब की नज़रे हैं। 

चंडीगढ़. दुनियाभर में अल्टरनेटिव मेडिसिन सिस्टम की मांग बढ़ रही है। जानकर आश्चर्य होगा कि आज से 160 साल पहले इटली के डॉक्टर ने पौधों से ऐसी दवाइयां तैयार करने की पद्धति प्रचलित की जो इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा के नाम से दुनियाभर में मशहूर हो गई और आज भी कई देशों में लोगों के लिए वरदान बनी हुई है। चिकित्सा जगत में पांचवीं पद्धति आज अपने वजूद के किए लड़ रही है। 

 11 जनवरी को केंद्र सरकार ने इस बाबत दिल्ली में मीटिंग बुलाई है, जिस पर देश भर में काम कर रहे तकरीबन पांच लाख ईएच डॉक्टर्स में उम्मीद की किरण जगी है। ज्वाइंट बॉडी इलेक्ट्रो होम्योपैथी प्रपोजलिस्ट कमेटी ऑफ़ इंडिया के वरिष्ठ सदस्य डॉक्टर दिनेश चंद्र श्रीवास्तव कहते है की भारत सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय स्वास्थ्य और अनुसंधान विभाग के सचिव डीआर मीणा की ओर से इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को एलोपैथी, आयुर्वेद, होमियोपैथी, यूनानी के बाद पांचवीं पद्धति के रूप में  मान्यता देने बाबत दिल्ली में ज्वाइंट बॉडी इलेक्ट्रो होम्योपैथी प्रपोजलिस्ट कमेटी ऑफ़ इंडिया के साथ  मीटिंग बुलाई गई है। ज्वाइंट बॉडी ईएच के संयोजक डॉक्टर के.डी तिवारी को लेटर भी जारी किया गया है


बठिंडा में इलेक्ट्रो होम्योपैथी दवा की लैब में वर्किंग दौरान डॉक्टर प्रो हरविंदर सिंह, और डॉक्टर वरिंदर कौर

बता दें कि इलेक्ट्रोहोमियोपैथी के जनक इटली निवासी डा. काउन्ट सीजर मैटी ने इस पैथी का खोज 1865 ई0 में किया। इनका जन्म 11 जनवरी 1809 को इटली देश के बोलोग्ना शहर के नजदीक रोचेटा (Rochetta) नामकग्राम के एक राजघराने में हुआ था । इनके पिता का नाम ल्यूगी मैटी (LuigiMattei 1780-1827) एवं माता का नाम थ्रेसा मोन्टिगनैनी (Theresa Montignani) था । 1847 ई0 में रोम एवं आस्ट्रीया के बीच हुई लड़ाई में देश के क्षतिपूर्ति एवं शांति के लिए मैटी ने अपने जमीदारी का 1/3 भाग रोम के पोप को दान दिया जिसके फलस्वरूप पोप द्वारा 2 अगस्त 1847 ई0 को इनको "काउन्ट' की उपाधि देकर सेना के सातवीं बटालियन का लेफ्टीनेन्ट कर्नल बनाया गया । 

इस पद पर रहने के पश्चात् जब इनको अपनी सेवासे आत्मसंतुष्टि नहीं मिली तो जनता की अधिक से अधिक सेवा के लिए इन्होने इटली के बद्रियो क्षेत्र से MP (Member of Parliament) पद केलिए चुनाव लड़े एवं 18. मई1848 को भारी मतों से विजयी होकर अपने देश की सेवा में लग गए । कुछ समय राजनीति में बिताने के बाद इनकोराजनीति से घृणा हो गई जिसके कारण इन्होने इस क्षेत्र से हमेशा के लिए सन्यास ले लिया।  मैटी उदार प्रकृति एवं प्रतिभा के धनी होने के साथ-साथ अविवाहित जीवन बिताते हुए अपना पूरा समय गरिबों की सेवा में अर्पित कर दिए । 


मैटी का किला इटली में उचें पहाड़ी पर है और इन पहाड़ियों में बसे बस्तियों में जहाँ रोड नहीं था वहाँ रोड भी मैटी ने अपने खर्च से बनवाया था । इन्होने सन 1895 ई0 में दक्षिणी भारत के कनकनाडे मंगलुर में अपने शिष्य फादर मूलर द्वारा बने कुष्ठ हॉस्पीटल में 2395रू. दान दिया था जिसका कुल लागत 7705 रू आया था । इनकी यादगार में आज भी इस हॉस्पीटल में पत्थर की दिवार पर काउन्ट सीजर मैटी का नाम अंकित है। काउन्ट सीजर मैटी बहुत ही प्रसन्नचित स्वभाव एवं कला के प्रेमी थे।

राजनीति से सन्यास लेने के बाद "काउन्ट सीजर मैटी" ने अपना पूरा जीवन वनस्पतियों के अध्ययन एवं औषधियों के खोज में बिताए। चिकित्साजगत में आने के पहले इन्होने पूर्व प्रचलित विज्ञान आर्युवेद यूनानी, एलोपैथी के साथ-साथ होमियोपैथी का भी गहन अध्ययन करने के पश्चात पाया कि इन पैथियों में औषधियाँ वनस्पतियों के अलावे वायरस, बैक्टीरिया, जीव-जन्तु, धातु, रसायन, जहर आदि तत्वों से बनाई गई है। जो मानव के प्रकृति के अनुकूल नहीं है जिसके फलस्वरूप इन औषधियों का भयंकर दुष्प्रभाव देखने को मिलता है। मैटी ने वनस्पतियों के गहन अध्ययन के फलस्वरूप पाया कि प्रकृति ने जिस प्रकार के रसायन या घटक (Ingredients) पेड़ पौधो में बनाया हैवह वैज्ञानिको द्वारा प्रयोगशाला में बनाना असंभव ही नहीं नामुमकिन है। वनस्पतियों के सम्बन्ध में निम्न बाते भी कही गई हैवनस्पतियों के पास प्राकृतिक प्रयोगशाला है।पौधों में प्राकृतिक आरोग्यकारी शक्ति है।पौधो के अन्दर रहस्यमयी यानि छुपी हुई शक्ति है, जिसका किसी भी प्रयोगशाला में पूर्णरूप से रसायनिक विघटन (Chemical Analysis) करना असंभव है।पौधो के पास संपुर्ण आरोग्यकारी शक्ति है।

अध्ययन के फलस्वरूप मैटी ने सोचा कि हर प्रकार के जीव-जनतुओं का भोजन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पौधों से ही प्राप्त होता है तो औषधि भी वनस्पति ही होनी चाहिए ।वनस्पतियों के अन्दर पाए जाने वाला रसायन (Chemical) विटामिन्स (Vitamins) खनिज लवण (Minerals) एवं तत्व (Element) हमारे शरीरमें किसी भी प्रकार के हानि (Side Effect) नहीं पहुँचाते यानि पौधों में प्रकृति द्वारा बनाए गए रसायनों का कोई दुष्प्रभाव (Bad Effect) नहीं होता है।इसलिए इस पैथी के जनक डा. काउन्ट सीजर मैटी ने अपने औषधिनिमार्ण में केवल वनस्पतियों का प्रयोग किया । 

मेटी ने हमारे शरीर के अंगो (organs) एवं संस्थानों (systems) परआधारित औषधियों का निमार्ण किया ।वनस्पतियों के 100: गुण प्राप्त करने के लिए इन्होने एक नई विधि (cohobation) का प्रयोग कर वनस्पतियों का Spaqyric Essence निकालाजिसका प्रभाव हमारे शरीर पर विधुत की भाँति दिखाई पड़ता है। 1865 ई0 में डा. काउन्ट सीजर मैटी द्वारा आविष्कृत इलेक्ट्रोहोमियोपैथी की औषधियाँ इतनी कारगर साबित हुई की मात्र चार वर्षों के बाद सन1869 ई. में इटली के बहुत बड़े हॉस्पीटल सेन्ट थ्रेसा में वहाँ की सरकार में इलेक्ट्रो होमियोपैथी का एक अलग विभाग खोलकर मैटी को चिकित्सा सेवा का पूर्ण अवसर प्रदान किया। 

जिसमें मैटी ने लगभग 20,000 सेअधिक असाध्य रोगियों को आरोग्य किया । इन असाध्य रोगियों में कैंसर जैसे भयानक बिमारी को भी मैटी ने ठीक किया। इस बात की पुष्टिइटली के बोलाग्ना युनिवर्सिटी के प्रोफेसर चार्ल्स हिन्डले (Charles Hindley) द्वारा लिखित पुस्तक In Rocchetta Count Ceaser Mattei मेंहै|इन औषधियों से कैंसर एवं असाध्य कहे जाने वाले रोगों को जो अन चिकित्सा पद्धति के इलाज के उपरान्त निराश होकर अंतिम अवस्था आए, उन्हे भी इस विज्ञान के औषधियों से नया जीवन प्रदान हुआ और बिना, कष्ट-पीड़ा के बहुत दिनों तक जीवित रहे ।

इस प्रकार इलेक्ट्रो होमियोपैथी बहुत कम ही समय मे पूरे विश्व में फैल गई। उस समय बहुत से होमियोपैथिक चिकित्सकों ने भी हलेक्ट्रो होमियोपैथिक औषधियों का प्रयोग कर अपने चिकित्सा जगत में सफलता हासिल की। जैसे लैप्सिक शहर के डा. जिम्पल (Dr. Zimple of Leipsic) कोथेन शहर के डा. लूट्जे (Dr. Lutze of Coethen) जेनेवा के डा. रिगार्ड (Dr. Regard of Genewa) ग्लास्गो के डा. आर. एम. थियोबाल्ड (Dr.R.M. Theobald of Glasgow) डा. एकवर्थ, आस्ट्रीया के डा. मेरिया, दक्षिण भारत के डा. फादर मूलर आदि ।सन 1881 तक इलेक्ट्रो होमियोपैथिक की औषधियाँ इटली, फ्रान्स, जर्मनी,"स्वीटजरलैन्ड, इंगलैण्ड, पोलैन्ड, रसिया, स्पेन, नेदर लैन्ड, इस्ट इन्डिया, जापान, अर्जेन्टीना आदि देशों तक पूर्ण रूप से फैल चूकी थी।

आज पूरे भारत में हर राज्य के सभी क्षेत्रों में इलेक्ट्रोहोमियोपैथिक चिकित्सक इस हानिरहीत चिकित्सा विज्ञान से असाध्य से असाध्य रोगोंकी चिकित्सा देकर नवजीवन प्रदान कर रहे हैं। इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन के पंजाब प्रमुख डॉ प्रो हरविंदर सिंह कहते हैं कि उनके स्वयं के अनुभव में इस भारत के बड़े-बड़े हॉस्पीटलों से रोगी इलाज कराने के बाद निराश होकर आते हैं जो इस पद्धति के सिद्धांतों पर आधारित विज्ञान इलेक्ट्रोहोमियोपैथी से लाभान्वित होते हैं।

इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा विज्ञान वैकल्पिक प्रणाली की एक व्यापक शाखा है। इस चिकित्सा पद्धति में मूल रूप से औषधीय पौधों के रस को आसवन प्रक्रिया की सहायता से तैयार किया जाता हैं ।वर्तमान में 114 प्रकार के औषधीय पौधों के रस से 38 प्रकार की मूल ओषधियाँ तैयार की जा रही हैं जिनका उपयोग एकल व सम्मलित रूप से करते हुए 60 से अधिक औषधियों के रूप में उपयोग किया जाता है इस पद्धति में भविष्य में ओर अधिक शोध एवम अध्ययन की आवश्यकता है इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के अनुसार रोगों का वर्गीकरण भी रक्त के मूल रूप में परिवर्तन तथा शरीर मे बनने वाले रसो में आई अशुद्धता/परिवर्तन के आधार पर किया जाता है यह इसी प्रकार है जैसे कि आयुर्वेद में समस्त रोगों का कारण वात, पित्त ,कफ का असन्तुलन माना जाता हैं । इस चिकित्सा पद्धति में रोगों का निदान व उनके उपचार लक्षणों पर आधारित नही है वल्कि अंगों की कार्य क्षमता में उस रोग के कारण होने वाले प्रभाव के आधार पर किये जाते है ।

यह पद्धति इस मूल सिद्धान्त पर कार्य करती हैं कि एक सामान्य ब्यक्ति के  शरीर मे सामान्य स्थिति में सामान्यतः परिवर्तन होता रहता है जिससे सभी अंग दूर करने का प्रयास करते है अंगों की इस क्षमता में शरीर मे शरीर के सामान्य स्थिति से इतर होने वाले परिवर्तनों को कारण अंगों की कार्य क्षमता भी  घट जाती हैंइस चिकित्सा पद्धति द्वारा प्रभावित अंग की कार्य क्षमता को बढ़ाकर पुनः सामान्य कर दिया जाता हैं जिससे वह अंग अन्य अंगों के सहयोग से सामंजस्य विठा कर सह  धर्मिता के आधार पर शरीर को सामान्य स्थिति में ला देता है इसी प्रकार यह चिकित्सा विज्ञान केवल रोग का उपचार न करके  रोग होने के कारण का उपचार हुए ब्यक्ति को स्वस्थ्य बनाती हैं । इन ओषधियो को सरल बनाने के लिए इस चिकित्सा विज्ञान में मूल  औषधियों का टेबलेट, सिरप , क्रीम, तेल , कैप्सूल , स्प्रे ,तथा क्रीम के रूप में उपयोग किया जाता हैं । 

इस पद्धति में औषधि का उपयोग अल्प मात्रा में किया जाता हैं तथा ओषधि कृतिम रूप से तैयार किये गए रासायनिक योगिक नही है वस्तुतः पौधों के योगिक एंजाइम स है जो इलेक्ट्रो होम्योपैथी दवाओं में उन्हें विशेष गुण देते है ।कहने का तात्पर्य यह है कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी अन्य प्रणालियों जैसे एलोपैथी, होम्योपैथी आयुर्वेद, यूनानी, योग, और प्राकृतिक चिकित्सा की तरह की एक संपूर्ण प्रणाली है, यह चिकित्सा पद्धति के वैज्ञानिक प्रणाली के लिए आवश्यक सभी मापदंड रखती है।यह किसी भी बीमारी में लागू सभी प्रकार के उपचार को कवर कर सकता है और लगभग ठीक कर सकता है। 


इलेक्ट्रो होम्योपैथी साइंसिफक रिसर्च टीम के मेंबर डॉक्टर सुरिंदर पाण्डेय कहते हैं कि  इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा विज्ञान सरकार द्वारा चिकित्सा की अन्य मान्यता प्राप्त प्रणाली की तरह अपने स्वयं के व्यक्तिगत दर्शन, फार्मेसी, फार्माकोपिया और मटेरिया मेडिका आदि के साथ उपचार की एक वैज्ञानिक प्रणाली है।

इलेक्ट्रो होम्योपैथी  सरकार और समाज को नशीली दवाओं की दवा पर कार्रवाई करने में मदद कर सकता है और। अन्य भयानक बीमारी।यह बहुउद्देशीय स्वास्थ्य योजना और राष्ट्र के परिवार कल्याण कार्यक्रम में प्रमुख भाग ले सकता है।यह पद्धति  कम खर्च का है और आसानी से सस्ती और उपचार की जटिलता से मुक्त है और सस्ता है और कार्रवाई में तेज है।यह चिकित्सा विज्ञान समग्र उपचार में भाग ले सकता है और किसी व्यक्ति को उसे शारीरिक रूप से मजबूत और आध्यात्मिकता विकसित करने में मदद कर सकता है।   

मिली जानकारी के मुताबिक एक समय इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा के जनक काउंट सीजर मैटी की दवाएं लेने के लिए इतने मरीज आते थे कि उन्हें कंट्रोल करने के लिए आर्मी का सहारा लेना पड़ता था। बता दें जब1869 में पोप पाइस IX ने उन्हें सेंट टेरेसा अस्पताल, रोम में इलाज करने की अनुमति दी। वहां मरीजों की इतनी संख्या आती थी कि उन्हें नियंत्रित करने कि लिए सेना का सहारा लेना पड़ता था। मैटी का उद्देश्य था कि सभी को खुद का डॉक्टर बनाया जाए जिससे लोग कम से कम बीमार पड़ें और बीमारियों का इलाज भी खुद से प्राकृतिक तरीकों से कर सकें।थ्योडर क्रॉस मैटी के सबसे करीबी शिष्य थे। मैटी के बाद उन्होंने इस पद्धति को आगे बढ़ाया और नई ऊंचाई दी। वर्तमान में इन दवाइयों को क्रॉस स्पैजिरिक मेडिसिन के नाम से जाना जाता है। 

इलेक्ट्रो होमियोपैथी एक ऐसी चिकित्सा पद्धति हैं,जिसने चिकित्सा जगत में एक अविश्वसनीय क्रांति पैदा कर दी हैं। कारण की वर्तमान में ज्यादातर रोगी भिन्न भिन्न प्रकार की दवाइयां खा कर परेशान हो रहें है,और उन्हें एक बीमारी के बदले दूसरी बीमारी उपहार में मिल रही हैं तथा प्रचलित चिकित्सा पद्धतियों की तुलना में इलेक्ट्रो होमियोपैथी हानिरहित होने के साथ-साथ तत्काल प्रभाव शाली हैं। 


इस विधा के शिक्षा,प्रचार-प्रसार में जुटे सीसीएम इलेक्ट्रो होमियोपैथिक मेडिकल इंस्टीट्यूट , चंदसर नगर, बठिंडा के एमडी डॉ. प्रो हरविंदर सिंह स्टेट प्रेसिडेंट, इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने औपचारिक मुलाकात में बताया कि इलेक्ट्रो होमियोपैथी एक स्वतंत्र व सम्पूर्ण चिकित्सा पद्धति हैं जो विश्व के अनेक देशों में विकल्प के रूप में अपनाई जा रही हैं,यह मूलतः इटली की पद्धति हैं जिसका आविष्कार सन 1865 में डॉ काउंट सीजर मैटी ने किया, डॉ मैटी ने इस पद्धति के नाम में तीन शब्दों का प्रयोग किया जिसमें “इलेक्ट्रो” शब्द का अर्थ त्वरित या बिजली से लिया गया जो वनस्पति विद्युतीय शक्ति को तथा दवा की कार्य प्रणाली को इंगित करता हैं। “होमियो” शब्द शरीर की संतुलनावस्था अर्थात ‘होमियोस्टेटिस’ पर केंद्रित है और “पैथी” शब्द चिकित्सा विज्ञान की ओर इंगित करता हैं। अतः इलेक्ट्रो होमियोपैथी वह पद्धति है जिसमे वनस्पतीय औषधियों की तीब्र कार्य प्रणाली से शरीर के रोगों ठीक करने की अद्दभुत क्षमता हैं। 

ईएचफ के डॉक्टर ऋतेश श्रीवास्तव, बठिंडा कहते हैं,  चूंकि मानव शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है अतः पंचतत्व के समान गुण धर्म वाली 114 वनस्पतियो को ही इलेक्ट्रो होमियोपैथी की दवा निर्माण में शामिल किया गया हैं। जिन्हें शरीर के ऑर्गनवाइज नौ वर्गों में व्यवस्थित किया गया हैं। कारण कि मानव शरीर में फंग्सनल सिस्टम नौ ही हैं। इस विधा में रोग की चिकित्सा नही अपितु अंगों की चिकित्सा की जाती हैं। क्योंकि शरीर के अंगों की क्रिया बढ़ने या घटने से ही कोई न कोई रोग उत्पन्न होते हैं।इस प्रकार इलेक्ट्रो होमियोपैथी की औषधिया आधार,संरचना और सिद्धांत के अनुसार मानव शरीर का दूषित रक्त व लसिका को शुद्ध कर रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत करते हुये अंगों की क्रिया को ठीक करते हुये रोग को जड़ से समाप्त करती हैं यह सरल,सस्ती,हानिरहित व रोगों पर तत्काल प्रभाव दिखाने वाली विधा है जिसमे गंभीर से गंभीर रोगों का उपचार आसानी से संभव हो रहा है।

ज्ञात हो कि  सांसद सदस्य लोकसभा कमलकुंज माधवनगर महाराष्ट्र  सुनील वा मेढ़े को सम्बोधित पत्र में स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विज्ञान और प्रद्योगिकी व पृथ्वी विज्ञान मंत्री भारत सरकार डॉ. हर्ष वर्धन ने  अपने पत्र क्रमांक एफ डी एस 2005183/एच एफ एम /2020 दिनांक 22 दिसबर 2020 को कहा कि इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा प्रणाली की मान्यता देने तथा अंतर विभागीय समिति (आई डी सी) द्वारा फरवरी 2017 से की गई कार्यवाही का ब्यौरा देने  पर कहा था कि वह इस मामले को दिखवा रहें हैं। और शीघ्र इस सम्बंध में सूचित करेंगे । यह कि  आई.डी.सी द्वारा इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा विज्ञान के जनक डॉ. काउंट सीजर मैटी के जन्मदिवस जो विश्व इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सक दिवस के रूप में मनाया जाता हैं, पर मान्यता सम्बन्धी महत्वपूर्ण मीटिंग का आयोजन करना व  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा त्वरित कार्यवाही किया जाना जिसकी वजह से मोदी सरकार जानी जाती हैं, पर भारत के समस्त इलेक्ट्रोहोम्योपैथी डाक्टरों में हर्ष का माहौल है । 

इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन (ईएचएफ) के अध्यक्ष डॉ. पी.एस पांडे  ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में चिकित्सा पद्धति की सुविधा और मनुष्य जीवन के लिए चिकित्सा पद्धति की आवश्यकता धीरे धीरे बढ़ती जा रही हैं हमारे देश में वर्तमान में एलोपैथी, आयुर्वेद, होम्योपैथी, और यूनानी ये चार चिकित्सा पद्धतियां प्रचलित है इतने बड़े देश हमारी जनसंख्या का बहुत बड़ा चिकित्सा से वंचित हैं जरूरत इस बात की इलेक्ट्रोहोम्योपैथी जो पेड़ पौधों पर आधारित सस्ती से सस्ती चिकित्सा पद्धति अपने देश मे लागू करे जिससे जन साधारण भी बिना बाधा के लाभ उठा सके ।इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन (ईएचएफ) पंजाब की महासचिव डॉक्टर वरिंदर कौर ने कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा विज्ञान के जनक डॉ काउंट सीजर मैटी  ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा विज्ञान विश्व को समर्पित करते हुये कहा कि  मेरा विश्वास है की विश्व मे यही पहली और अंतिम चिकित्सा पद्धति होगी जो पूर्ण रूप से औषधीय पेड़ पौधों पर पर ही आश्रित है और होनी भी चाहिए।क्योंकि हमारा भोजन  पेड़ पौधे ही तो है इसलिए रोग की चिकित्सा भी हमे औषधीय पेड़ पौधों में ही खोजनी हैं तभी हम हमेशा अपने को निरोग और स्वस्थ्य रख सकते हैं। 

प्रस्तुती- डॉ. प्रो. हरविंदर सिंह 9041222271, 8837878890

Thursday, December 3, 2020

किसान आंदोलन का 9वां दिन LIVE:कल होने वाली मीटिंग पर किसानों का मंथन आज, कहा- केंद्र कानूनों में सुधार पर राजी, पर हम नहीं


 

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का आज 9वां दिन है। आंदोलन के चलते दिल्ली बॉर्डर पर 9 प्वाइंट पर ट्रैफिक बंद कर दिया गया है। केंद्र और किसानों के साथ गुरुवार को हुई बातचीत के बाद ही साफ हो गया था कि आंदोलन अभी थमेगा नहीं, क्योंकि चौथे दौर की इस बातचीत में भी कई मसलों पर गतिरोध बना हुआ है। केंद्र ने भरोसा तो दिलाया, लेकिन किसान कानून वापस करने की मांग पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि कानून वापस लेने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए।

केंद्र और किसानों के बीच 5वें राउंड की बातचीत 5 दिसंबर यानी कल होनी है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के लीडर दर्शनपाल ने कहा कि केंद्र कानूनों में कुछ सुधार पर राजी है, पर हम नहीं। हमने उन्हें बता दिया है कि पूरे कानूनों में ही खामी है। हम कल होने वाली मीटिंग से पहले आज आपस में बातचीत करेंगे और अपनी रणनीति तैयार करेंगे। संगठनों के बीच बैठक हो रही है।

केंद्र बोला- MSP रहेगी, किसान बोले- मुद्दा कानूनों का है

केंद्र और किसानों के बीच चौथे दौर की बातचीत करीब 7 घंटे चली। बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को भरोसा दिलाया कि मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) को छुआ नहीं जाएगा। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। एक्ट के प्रावधानों में किसानों को सुरक्षा दी गई है। उनकी जमीन की लिखा-पढ़ी कोई नहीं कर सकता ।

किसानों ने कहा- मसला इकलौते MSP का नहीं, बल्कि कानून पूरी तरह वापस लेने का है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केवल एक नहीं, बल्कि कई मसलों पर बातचीत होनी चाहिए। केंद्र और किसानों के बीच अब पांचवें दौर की बातचीत 5 दिसंबर को होगी।

सरकार ने 7 घंटे में किसानों की 7 चिंताएं सुनीं, सिर्फ एक पर वादा किया, बाकी पर भरोसा दिलाया

किसानों की चिंताएंसरकार का जवाब
MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस बंद तो नहीं हो जाएगी?MSP चल रही थी, चल रही है और आने वाले वक्त में भी चलती रहेगी।
APMC यानी एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर मार्केट कमेटी खत्म तो नहीं हो जाएगी?प्राइवेट मंडियां आएंगी, लेकिन हम APMC को भी मजबूत बनाएंगे।
मंडी के बाहर ट्रेड के लिए PAN कार्ड तो कोई भी जुटा लेगा और उस पर टैक्स भी नहीं लगेगा।सरकार का वादा- ट्रेडर के रजिस्ट्रेशन को जरूरी करेंगे।
मंडी के बाहर ट्रेड पर कोई टैक्स नहीं लगेगा?APMC मंडियों और प्राइवेट मंडियों में टैक्स एक जैसा बनाने पर विचार करेंगे।
विवाद SDM की कोर्ट में न जाए, वह छोटी अदालत है।ऊपरी अदालत में जाने का हक देने पर विचार करेंगे।
नए कानूनों से छोटे किसानों की जमीन बड़े लोग हथिया लेंगे।किसानों की सुरक्षा पूरी है। फिर भी शंकाएं हैं तो समाधान के लिए तैयार हैं।
बिजली संशोधित बिल और पराली जलाने पर सजा पर भी हमारा विरोध है।सरकार विचार करने पर पूरी तरह राजी है।

चर्चा में किसानों का खाना और जलेबी

किसानों का रवैया ऐसा था कि बातचीत के दौरान लंच ब्रेक हुआ तो उन्होंने अपने साथ लाया खाना ही खाया। कहा- सरकार का चाय या खाना मंजूर नहीं। 1 दिसंबर की मीटिंग में भी किसानों को सरकार की तरफ से चाय ऑफर की गई तो उन्होंने कह दिया था कि चाय नहीं, मांगें पूरी कीजिए। आप धरनास्थल पर आइए, आपको जलेबी खिलाएंगे।

किसानों के समर्थन में प्रकाश सिंह बादल की अवॉर्ड वापसी

पंजाब के पूर्व CM और अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल (92) ने किसानों के समर्थन में पद्म विभूषण लौटा दिया है। बादल को 2015 में ये अवॉर्ड मिला था। बादल की पार्टी शिरोमणि अकाली दल 22 साल से NDA के साथ थी, लेकिन कृषि कानूनों के विरोध में सितंबर में गठबंधन से अलग हो गई थी। इससे पहले 17 सितंबर को हरसिमरत कौर बादल ने भी मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। उधर, शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) के प्रमुख और राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी पद्म भूषण अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया है।

किसानों ने आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया

बुधवार को दिनभर किसानों ने 5 बार और सरकार ने 2 बार बैठकें कीं। किसानों ने कृषि कानूनों में आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया। उधर, कुंडली बॉर्डर पहुंचे UP के किसान नेता राकेश टिकैत ने भी बुधवार को पंजाब के संगठनों से बैठक की। वहीं क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार कानूनों को खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन किए जाएंगे।

हैदराबाद नगर निगम में भाजपा आगे LIVE:150 सीटों पर वोटों की गिनती जारी; रुझानों में भाजपा को 84 सीटों पर बढ़त के साथ बहुमत


 

भाजपा कर्नाटक के अलावा अब दक्षिण के अन्य राज्यों में भी पैठ बनाने जा रही है। खास बात यह है कि ये इलाके मुस्लिम बहुल और गैर हिंदी हैं। हम बात कर रहे हैं ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) चुनाव नतीजों की। भाजपा यहां इतिहास बनाने की तरफ बढ़ रही है। रुझानों में अब तक उसे 84 सीटों पर बढ़त है। पिछले चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी रही सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्रवादी समिति (TRS) महज 30 सीटों पर आगे है।

हैदराबाद में गढ़ होने का दावा करने वाली असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) महज 17 सीटों पर आगे है। ओवैसी को पिछले चुनाव में 44 सीटें मिली थीं। कांग्रेस 2 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। उसे पिछली बार भी 2 सीटें ही मिली थीं।

 13 साल पहले ही GHMC का गठन हुआ था 

इस बार 1 दिसंबर को वोटिंग हुई थी। GHMC के 150 वार्डों पर 1,122 प्रत्याशी मैदान में हैं। चुनाव इस बार बेहद खास माने जा रहे हैं, क्योंकि भाजपा ने चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। 2007 में ही GHMC का गठन हुआ था।

अब तक GHMC के 2 चुनाव हुए

2016 की स्थिति

पार्टीकितनी सीटें
TRS99
AIMIM44
भाजपा4
कांग्रेस2
TDP1
कुल150

2009 की स्थिति

पार्टीकितनी सीटें
कांग्रेस52
TDP45
AIMIM43
भाजपा4
अन्य5
कुल149

इस बार शाह ने मोर्चा संभाला था
गृह मंत्री अमित शाह 29 नवंबर को हैदराबाद पहुंचे थे। वे चार मीनार पर स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिर गए और सिकंदराबाद में रोड शो किया था। इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर TRS सरकार पर तीखा हमला बोला। कहा- चंद्रशेखर राव (KCR) जी से पूछना चाहता हूं कि आप ओवैसी की पार्टी से समझौता करते हैं, इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। लोकतंत्र में किसी भी पार्टी से समझौता या गठबंधन किया जा सकता है। दिक्कत है कि आपने एक कमरे में ईलू-ईलू करके सीटें बांट लीं।

सिकंदराबाद में अमित शाह ने बस के ऊपर बने प्लेटफॉर्म पर चढ़कर रोड शो किया था।
सिकंदराबाद में अमित शाह ने बस के ऊपर बने प्लेटफॉर्म पर चढ़कर रोड शो किया था।

ओवैसी की तरफ से अवैध रोहिंग्या मुस्लिमों के शहर में होने के सवाल पर शाह ने कहा था- जब मैं एक्शन लेता हूं, तो वे संसद में बवाल करते हैं। उनसे कहिए कि मुझे लिखकर दें कि रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को निकाला जाना है।

इस बार भी 50% वोटिंग नहीं हई
इस बार GHMC चुनाव में 46.55% वोटिंग हुई। 2009 के 42.04% तो 2016 के चुनाव में 45.29% लोगों ने ही वोट डाला। हालांकि पिछले 2 चुनाव से ज्यादा इस बार मतदान हुआ।

GHMC में 24 विधानसभा, 5 लोकसभा सीटें
GHMC देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है। यह नगर निगम 4 जिलों में है, जिनमें हैदराबाद, मेडचल-मलकाजगिरी, रंगारेड्डी और संगारेड्डी शामिल हैं। पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र हैं तो तेलंगाना की 5 लोकससभा सीटें आती हैं। यही वजह है कि GHMC चुनाव में KCR से लेकर भाजपा, कांग्रेस और ओवैसी तक की साख दांव पर लगी है।

शेयर मार्केट LIVE:बाजार पर RBI के फैसले का असर; सेंसेक्स पहली बार 45 हजार के पार, निफ्टी भी 13200 के स्तर पर



 RBI ने महंगाई के उच्च स्तर को देखते हुए रेपो रेट में बदलाव न करने का फैसला किया है। यह 4% ही रहेगा। शुक्रवार को इस फैसले का बाजार पर पॉजिटिव इफेक्ट देखने मिल रहा है। BSE सेंसेक्स 281.72 अंक ऊपर जाकर 44,914.37 पर और निफ्टी 80.45 अंक ऊपर जाकर 13,214.35 पर कारोबार कर रहा है। हालांकि, कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 45,033.19 और निफ्टी ने 13,250.30 के हाइस्ट लेवल को टच किया।

बैंकिंग शेयर इस तेजी को लीड कर रहे हैं। निफ्टी बैंक इंडेक्स में 271 अंकों की बढ़त है। ऑटो और मेटल शेयरों में भी भारी खरीदारी है। बाजार में तेजी के चलते BSE में लिस्टेड कंपनियों का टोटल मार्केट कैप 178.93 लाख करोड़ रुपए के पार हो गया है।

स्टॉक्स अपडेट

निफ्टी में अल्ट्राटेक सीमेंट और हिंडाल्को के शेयरों में 4-4% की बढ़त है। ग्रासिम और भारती एयरटेल के शेयरों में भी 3-3% की तेजी है। ICICI बैंक का शेयर भी 2% ऊपर कारोबार कर रहा है। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज और डॉ. रेड्डीज के शेयर हल्की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सुबह सेंसेक्स 33.26 अंक ऊपर 44,665.91 पर और निफ्टी 43.50 अंक ऊपर 13,177.40 पर खुला था।

एशियाई बाजारों में बिकवाली

आज एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई इंडेक्स 43 अंक नीचे 26,765 पर कारोबार कर रहा है। दूसरी ओर, हॉन्गकॉन्ग का हेंगसेंग इंडेक्स 52 अंकों की बढ़त के साथ 26,781 पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स भी 0.11% ऊपर 3,445 पर कारोबार कर रहा है।

गुरुवार को बाजार हल्की तेजी

कोरोना वैक्सीन को लेकर लगातार आ रही पॉजिटिव खबरों से कल बाजार में रिकॉर्ड बढ़त दर्ज की गई। गुरुवार को सेंसेक्स 14.61 अंक ऊपर 44,632.65 पर और निफ्टी 20.15 अंक ऊपर 13,133.90 पर बंद हुआ था। निफ्टी इंडेक्स इस स्तर पर पहली बार बंद हुआ। बाजार की बढ़त को ऑटो और मेटल शेयरों ने लीड किया। वहीं, निफ्टी IT और बैंकिंग इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए थे। निफ्टी में मारुति का शेयर 7% ऊपर बंद हुआ था। वहीं, SBI लाइफ का शेयर 2% नीचे बंद हुआ था।

यूरोप के बाजारों में गिरावट

यूरोपियन मार्केट में बिकवाली देखने को मिली। कल यूरोप के बाजारों में फ्रांस का CAC इंडेक्स 0.16% की गिरावट के साथ 5,574.36 पर बंद हुआ था। जर्मनी का DAX इंडेक्स भी 0.45% की गिरावट के साथ 13,252.90 पर बंद हुआ था। वहीं, ब्रिटेन का FTSE इंडेक्स 26.88 अंकों की बढ़त के साथ 6,490.27 पर बंद हुआ था।

अमेरिकी बाजारों में सुस्ती

गुरुवार को अमेरिकी बाजारों में फ्लैट देखने को मिली। डाउ जोंस इंडेक्स 0.29% की बढ़त के साथ 85.73अंक ऊपर 29,969.50 पर बंद हुआ था। नैस्डैक इंडेक्स भी 27.82 अंक ऊपर 12,377.20 पर बंद हुआ था। वहीं, S&P 500 इंडेक्स 0.06% नीचे 3,666.72 पर बंद हुआ था।

11:50 AM सेंसेक्स 303.80 अंक ऊपर 44,936.45 पर और निफ्टी 85.50 अंक ऊपर 13,219.40 पर कारोबार कर रहा है।

11:44 AM BSE मेटल इंडेक्स में शामिल 10 में से सात मेटल कंपनियों के शेयरों में तेजी है। इंडेक्स में हिंडाल्को के शेयरों में 4% की बढ़त है। वहीं, JSW स्टील, NMDC और कोल इंडिया के शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं।

11:40 AM BSE में IRCTC का शेयर 12% ऊपर कारोबार कर रहा है।

11:24 AM BSE सेंसेक्स 316.56 अंक ऊपर जाकर 44,949.21 पर और निफ्टी 92.15 अंक ऊपर जाकर 13,226.05 पर कारोबार कर रहा है।

  • 10:59 AM BSE सेंसेक्स 366.55 अंक ऊपर 44,999.20 पर और निफ्टी 107.60 अंक ऊपर 13,241.50 पर कारोबार कर रहा है।

10:57 AM BSE में स्पाइसजेट का शेयर 9% से ज्यादा की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। दरअसल, केंद्र सरकार ने घरेलू उड़ानों की सीमा को 70% से बढ़ा कर 80% कर दिया है।

10:55 AM निफ्टी बैंक इंडेक्स में 415 अंकों की बढ़त है। इंडेक्स मे RBL बैंक और ICICI बैंक के शेयरों में 2-2 फीसदी की तेजी है।

सोर्स -NSE
सोर्स -NSE

10:45 AM BSE सेंसेक्स 356.71 अंक ऊपर 44,989.36 पर और निफ्टी 107.10 अंक ऊपर 13,241.00 पर कारोबार कर रहा है।

  • 09:27 AM BSE पावर इंडेक्स में शामिल सभी 14 पावर कंपनियों के शेयरों में तेजी है। इंडेक्स में अदाणी पावर का शेयर 13% ऊपर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा टाटा पावर इंडेक्स के शेयर में 5% की बढ़त है।

09:25 AM BSE सेंसेक्स में शामिल 30 में से 23 कंपनियों के शेयरों में तेजी और सात के शेयरों में गिरावट है। इंडेक्स में अल्ट्राटेक सीमेंट का शेयर 3% ऊपर कारोबार कर रहा है।

सोर्स - BSE
सोर्स - BSE

09:15 AM BSE सेंसेक्स 33.26 अंक ऊपर 44,665.91 पर और निफ्टी 43.50 अंक ऊपर 13,177.40 पर खुला।

दुनियाभर के बाजारों का हाल

कृषि कानूनों पर विरोध के बादल LIVE:पंजाब के पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल ने पद्म विभूषण लौटाया, किसानों के समर्थन में फैसला



 कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का आज आठवां दिन है। किसानों की सरकार से बातचीत भी हो रही है। इस बीच पंजाब के पूर्व CM और अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल (92) ने किसानों के समर्थन में पद्म विभूषण लौटा दिया है। बादल को 2015 में ये अवॉर्ड मिला था। बादल की पार्टी शिरोमणि अकाली दल 22 साल से NDA के साथ थी, लेकिन कृषि कानूनों के विरोध में सितंबर में गठबंधन से अलग हो गई थी। इससे पहले 17 सितंबर को हरसिमरत कौर बादल ने भी मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

उधर, 40 किसानों नेताओं की सरकार के साथ विज्ञान भवन में बातचीत चल रही है। सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अध्यक्षता कर रहे हैं। मीटिंग से पहले तोमर ने कहा कि किसानों से चर्चा का सकारात्मक नतीजा निकलेगा।

शाह से मुलाकात में अमरिंदर बोले- जल्द हल निकालें, देश की सुरक्षा पर असर पड़ रहा
दूसरी तरफ, गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि गृह मंत्री से किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान निकालने की अपील की है। इस मुद्दे से पंजाब की इकोनॉमी और देश की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। किसानों से भी अपील की है कि जल्द मामला सुलझाएं। पंजाब CMO ने बताया कि अमरिंदर ने एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (APMC) आधारित मंडी सिस्टम को जारी रखते हुए MSP को बचाने पर जोर दिया। गृह मंत्री से अपील की कि खुले दिल से किसानों की बात सुनकर जल्द विवाद सुलझाएं, ताकि किसान अपने घरों को लौट सकें।

उधर किसानों के साथ बैठक में रेल मंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी मौजूद हैं। मीटिंग से पहले सोम प्रकाश ने कहा था कि बातचीत से ऐसा समाधान निकलने की उम्मीद है, जो किसानों और सरकार को भी मंजूर हो। सरकार कह चुकी है कि MSP की व्यवस्था जारी रहेगी और यह बात लिखित में देने को भी राजी है।

एक दिसंबर को सरकार ने पंजाब और UP के किसानों से अलग-अलग बात की थी। यह बैठक बेनतीजा रही थी। किसान नेता आरोप लगा रहे हैं कि सरकार समाधान की जगह साजिश रच रही है। वह किसानों से अलग-अलग बैठक कर उन्हें बांटना चाहती है।

किसानों ने आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया
किसानों की सरकार से आज चौथी और दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन शुरू करने के बाद दूसरी बातचीत हो रही है। इस मीटिंग के लिए सरकार और किसान बुधवार को दिनभर स्ट्रैटजी बनाते रहे। किसानों ने 5 बार और सरकार ने 2 बार बैठकें कीं। किसानों ने कृषि कानूनों में आपत्तियों का 10 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया है।

आज की मीटिंग में ये 5 प्रमुख मांगें रहेंगी

  • केंद्रीय कृषि कानूनों को तुरंत रद्द किया जाए।
  • केंद्र की कमेटी की पेशकश मंजूर नहीं की जाएगी।
  • MSP हमेशा लागू रहे। 21 फसलों को इसका फायदा मिले।
  • अभी तक किसानों को गेहूं, धान और कपास पर ही MSP मिलती है।
  • खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवारों को केंद्र से आर्थिक मदद मिले।

उधर, कुंडली बॉर्डर पहुंचे UP के किसान नेता राकेश टिकैत ने भी बुधवार को पंजाब के संगठनों से बैठक की। वहीं क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार कानूनों को खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन किए जाएंगे।

अपडेट्स

  • वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि किसानों से एक-एक पॉइंट पर बात की जाएगी। देशहित में किसानों से खुले दिल से चर्चा की जाएगी।
  • किसान मजदूर संघर्ष समिति, पंजाब के जॉइंट सेक्रेटरी एस एस सुभरन का कहना है कि केंद्र किसानों में फूट डालने की कोशिश कर रहा है। जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी 507 किसान संगठनों के साथ मीटिंग नहीं करते, तब तक हम किसी और मीटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे।
  • बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि उन्हें सरकार से बातचीत में कोई हल निकलने की उम्मीद नहीं है।
  • पुलिस ने NH-9 और NH-24 पर दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर को बंद कर दिया है।
  • दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाला चिल्ला बॉर्डर आज लगातार दूसरे दिन बंद किया गया है। हालांकि, दिल्ली से नोएडा की तरफ एक कैरिज-वे खोल दिया गया है, लेकिन नोएडा से दिल्ली की तरफ जाने वाला रास्ता बंद है।
  • आगे की रणनीति

    • किसान नेता आज सरकार से बात करेंगे और देशभर में कानूनों के विरोध में ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
    • 5 दिसंबर को देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अंबानी और अडानी के पुतले फूंके जाएंगे।
    • 7 दिसंबर को देशभर में खिलाड़ी और कलाकार अवॉर्ड और सम्मान लौटाएंगे।

    कोई आंदोलन खराब न करे, इसलिए लाठियां लिए यूथ ब्रिगेड तैनात
    किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन में कहीं बाहरी लोग खलल न डाल दें, इसको लेकर संगठनों में चिंता बनी हुई है। इसके लिए 7 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। सुरक्षा के लिए आसपास करीब 100 नौजवान किसान लाठियां लिए और गले में आईकार्ड डाले तैनात रहते हैं। किसी को भी अनुशासन भंग नहीं करने दिया जाता।

    सुबह स्टेज की कार्यवाही शुरू होते ही नौजवान वॉलंटियर्स को पहरे पर लगा दिया जाता है, जो यह तय करते हैं कि स्टेज या आसपास कोई गलत तत्व या हुल्लड़बाज न पहुंच पाए। स्टेज पर किसी के लिए कोई कुर्सी नहीं रखी गई। किसे स्टेज पर बोलना है, कितना समय बोलना है, यह भी जॉइंट कमेटी तय करती है। बाहर से आए धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के नुमाइंदों या कलाकारों को स्टेज पर बोलने का फैसला भी कमेटी करती है। 30 किसान यूनियनों के नुमाइंदों को दिन में एक-एक घंटा संबोधित करने के लिए दिया जाता है। आंदोलन पूरी प्लानिंग के साथ किया जा रहा है।

    ट्विटर ने भाजपा के IT सेल प्रभारी की पोस्ट को मैनिपुलेटेड मीडिया बताया
    ट्विटर ने बुधवार को भाजपा IT सेल के प्रभारी अमित मालवीय की तरफ से पोस्ट किए गए एक वीडियो को मैनिपुलेटेड मीडिया बताया है। देश में यह पहली बार हुआ है। मालवीय ने 28 नवंबर को किसान आंदोलन से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। मालवीय की पोस्ट राहुल गांधी की उस पोस्ट के काउंटर में थी, जिसमें राहुल ने किसानों पर पुलिस के डंडे बरसाने का जिक्र किया था। मालवीय ने इस दावे को गलत बताया था।

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